मेरी कविताओं तथा लेखों का सचित्र एवं चित्र रहित संग्रह।
वाह बहुत सुंदर यह गज़ल भी और हमदम की आँखें भी ।
सुन्दर रचना.
बहुत ही प्यारी ग़ज़ल है....मैने यूं ही पूछ लिया क्या मैं ही हूं चाहत तेरीतेरा भी इजहार बसा है हमदम तेरी आंखों मेंकभी यहां भी आइए और ब्लॉग अच्छा लगे,मेरा ही नहीं किसी का भी तो उसे फॉलो कर हौसला बढ़ा सकते हैं http://veenakesur.blogspot.com/
आशा जी, उड़न तश्तरी जी एवं वीना जी आपका बहुत-2 धन्यवाद। वीना जी आपकी बातों से पूरी तरह से सहमत हूँ। अभी आपके ब्लॉग का अनुसरण करता हूँ।
बहुत खूबसूरत ग़ज़ल हैं..........
बहुत-2 आभार साहिल भाई
वाह बहुत सुंदर यह गज़ल भी और हमदम की आँखें भी ।
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना.
जवाब देंहटाएंबहुत ही प्यारी ग़ज़ल है....
जवाब देंहटाएंमैने यूं ही पूछ लिया क्या मैं ही हूं चाहत तेरी
तेरा भी इजहार बसा है हमदम तेरी आंखों में
कभी यहां भी आइए और ब्लॉग अच्छा लगे,मेरा ही नहीं किसी का भी तो उसे फॉलो कर हौसला बढ़ा सकते हैं
http://veenakesur.blogspot.com/
आशा जी, उड़न तश्तरी जी एवं वीना जी आपका बहुत-2 धन्यवाद। वीना जी आपकी बातों से पूरी तरह से सहमत हूँ। अभी आपके ब्लॉग का अनुसरण करता हूँ।
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत ग़ज़ल हैं..........
जवाब देंहटाएंबहुत-2 आभार साहिल भाई
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