शुक्रवार, 27 अगस्त 2010

नज़्म (आप आँखों से)

8 टिप्‍पणियां:

  1. आपके इन्कार पर भी है हमें गुरूर
    क्या करें,तुम्हें प्यार हम बेमिसाल करते हैं

    बहुत खूब....

    जवाब देंहटाएं
  2. हिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
    कृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देनें का कष्ट करें

    जवाब देंहटाएं
  3. अच्छा लगा आपकी रचना पढ़कर.

    जवाब देंहटाएं
  4. आप सभी बंधुगणों का बहुत-2 धन्यवाद। मैं ज़रूर आपके सुझावों का अनुसरण करूँगा।

    जवाब देंहटाएं