मेरी कविताओं तथा लेखों का सचित्र एवं चित्र रहित संग्रह।
मंगलवार, 20 मार्च 2012
मेरी चाह
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BAHUT HI KHUBSURAT RACHNA ,SUSHIL JI
जवाब देंहटाएंआपका अतिश: धन्यवाद सरिता जी.... इसमें मेरी ज़िंदगी की सच्चाई छिपी है.... देरी से प्रत्युत्तर के लिए क्षमाप्रार्थी हूँ..
हटाएंगहन भाव लिए भावपूर्ण अभिव्यक्ति समय मिले कभी तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है http://mhare-anubhav.blogspot.co.uk/
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार आपका मेरी रचना को पसंद करने के लिए पल्लवी जी.... आपका ब्लॉग मैंने ज्वाइन कर लिया है.... अब तो टिप्पणियों का आदान प्रदान होता रहेगा...
हटाएंबहुत सुन्दर रचना
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