शनिवार, 19 जून 2010

कुम्हार गाथा

8 टिप्‍पणियां:

  1. आप ने जो हम पर(कुम्हार) पर जो रचना लिखी है वो काबिले तारीफ है।सच में आज जिस हाल पर कुम्हारो का बमुशकिल गुजारा हो रहा है,वही आप ने ये कविता लिख कर आप ने कुम्हारों का साहस भी बढाया है।
    आप को हमारी तरफ से बहुत-बहुत धन्यवाद जी।
    सुरेश कुम्हार प्रजापति

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  2. you right sr....



    me aapki kvita padh kar bahut kush hua hun,,,ki koi to hamare liye bhi sochate he,,,,




    thanks sr


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  3. आपने सभी कुम्हारों की सीना चौड़ा कर दिया।

    ====="धन्यवाद"====

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