हालाँकि पहला टैस्ट भारत ने जीता नहीं था, लेकिन जिस तरह से न्यूज़ीलैंड की एक निश्चित जीत को भज्जी की बैटिंग ने ड्रॉ में बदल दिया था वह भी भारत के लिए एक जीत के समान था। और अब दूसरे टैस्ट में भी उसी भज्जी ने एक बार फिर से वही चीज़ दोहरा दी है।
प्रिय मित्रों, इस रचना से मेरा तात्पर्य किसी की भी धार्मिक आस्था को ठेस पहुँचाने का नहीं है। कृपया इसे मात्र एक व्यंग्य समझ कर आनंद लें। फिर भी यदि इससे किसी बंधु की धार्मिक आस्था आहत होती है तो उसके लिए मैं क्षमा चाहता हूँ।